H3N2 वायरस क्या है? और कितना खतरनाक है?

ICMR के अनुसार,"देश के कई हिस्सों में तेज बुखार और तीव्र खांसी के मामले एक सप्ताह से अधिक बढ़ रहे हैं। 
मामलों के हाल ही में वृद्धि को इन्फ़लूंजा A उपप्रकार H3N2 वायरस से जोड़ा जा सकता है। 
इन्फ़लूंजा  H3N2 वायरस के कारण हरियाणा और कर्नाटक में एक -एक की मौत दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट को  देखकर कहा गया है कि देशभर में करीब इस वायरस ने 90 मामले सामने आ चुके हैं। 
डॉ निखिल, कंसल्टेंट, मोदी, एंड क्रिटिकल केयर,दिल्ली ने कहा," यह समय H3N2 वायरस से बचने का है क्यूंकि हमें तेजी से विकसित वायरस को कम करना है। नाकि हमें घबराना नहीं है और बिना सोचे समझे दवा लेने से बचना चाहिए। 

H3N2 वायरस क्या है? 

H3N2 वायरस देशभर में बहुत तेजी  से फ़ैल रहा है. जो फ्लू के रूप में जानी जाने बाली संक्रामक बीमारी का कारण बनता है. यह वायरस 4 प्रकार है। A,B,C और D ,H3N2 वायरस इन्फ़लूंजा A से वर्गीकृत किया गया है। 

संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रड और रोकथाम केंद्र के अनुसार," H3N2 जब 1968 में फ्लू महामारी का कारण बना था तब दुनिया भर में लगभग 10 लाख लोगों की मौत हुई जिसमें अमेरिका में लगभग 100000 लोग मारे गए। 


H3N2 के लक्षण कैसे पता करें:


इस वायरस के लक्षण भी अन्य फ्लू की तरह ही होते है। जैसे खाँसी,शरीर में दर्द,बुखार,गले में खरास,सिरदर्द,भरी हुई नाक बहुत अधिक थकान महसूस करना। उल्टी,मिचलाना और दस्त कम मामलों में देखे गए हैं। 

यह वायरस आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक रहता है। हालाँकि,खांसी 3 सप्ताह तक बानी रह सकती है। 


इस वायरस से किस आयु वर्ग के अधिक असुरक्षित हैं?


H3N2 वायरस आमतौर पर 15 साल से कम या 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अपना शिकार बनता है। मधुमेह,ह्रदय रोग,बच्चे और अस्थना जैसी बाले लोगों को अधिक जोखिम होता है। 


इससे बचने के उपाय:


डॉ मोदी ने बताया कि H3N2 से बचने का उपाय है कि खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाँथ धो लें या अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लें। 

इसके अलावा अपने खानपान में स्वस्थ आहार लें जिसमें भरपूर मात्रा में फल और सब्जियां शामिल हों। डॉक्टरों का कहना है कि बाहर का खाना मत खांए, घर का खाना खाएं।  


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